भारत के प्रसिद्ध हिन्दू कथाकार मुरारी बापू का जन्म 25 सितम्बर सन 1946 को महुवा के निकट तल्गाजर्दा गुजरात में हुआ. इनका पूरा नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियानी है. मुरारी बापू जी अपनी कथा का वर्णन हिंदी और गुजराती में देते है. उनकी एक कथा 9 दिन तक चलती है और भारत, दक्षिण अफ्रीका से लेकर यूरोपीय देशो और अमेरिका में वे कथाएं करते है.
सत्य बौद्धिक नहीं होना चाहिए बल्कि सत्य हार्दिक होना चाहिए.
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असफल होना गुनाह नहीं है बल्कि सफलता के लिए उत्साह न होना गुनाह है.
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भगवान हमको दिखाई नहीं देता इसलिए वह मूल्यवान है.
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भक्ति एक तकनीक है और भजन के आनंदित महल में प्रवेश करने के लिये एक विधि है.
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मीरा के गायन में भगवान श्रीकृष्ण की आवाज़ थी.
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कर्म से छुटकारा पाना मुश्किल है.
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आनंद की अंतिम सीमा आंसू है.
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फ़ूल हमेशा एकांत में खिलता है और व्यक्ति के अंतःकरण का फ़ूल भी एकांत में खिलता है. हर व्यक्ति को अपना एकांत संभालना चाहिए.
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अगर आपका लक्ष्य बड़ा हो और उस पर हंसने वाले कोई न हो तो समझना लेना की अभी आपका लक्ष्य बहुत छोटा है.
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मकान दीवारों से बनता है और कोई घर दिल से बनता है.
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अपने विचारों का दान करना सबसे बड़ा दान है.
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सच्चा प्रेम प्रसन्नता की जननी है.
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आज विश्व को करुणा की जरुरत है.
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ज्यादा सुखी होने से ही विपत्ति का जन्म होता है.
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पत्नी का अर्थ होता है जो पति को पतन होने से बचाए और नारी का अर्थ है न अरि अर्थात जो आपका दुश्मन नहीं है.
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सबसे बड़ा चमत्कार मनुष्य जीवन है.
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भाग जाना बहुत ही आसान है पर जाग जाना बहुत कठिन है. आप भागो मत बल्कि जागो.
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दुनिया को प्रभावित करना आसान है पर दुनिया को प्रकाशित करना बहुत मुश्किल है.
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